अग्निवीरों पर बड़ा ऐलान, इस राज्य में रिटायरमेंट के बाद सरकारी नौकरी में मिलेगा 10% आरक्षण

Photo Source :

Posted On:Tuesday, September 2, 2025

उत्तराखंड सरकार ने अग्निवीर सैनिकों के हित में एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब राज्य में रिटायर होने वाले अग्निवीरों को समूह 'ग' की वर्दीधारी सरकारी नौकरियों में 10% क्षैतिज आरक्षण मिलेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस निर्णय की घोषणा करते हुए कहा कि यह कदम राष्ट्र की सेवा करके लौटने वाले युवाओं को सम्मान और रोजगार दोनों प्रदान करेगा।


क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था लागू

उत्तराखंड के कार्मिक एवं सतर्कता विभाग ने इस संबंध में "क्षैतिज आरक्षण नियमावली-2025" जारी कर दी है। इसके तहत अग्निवीरों को समूह 'ग' की वर्दीधारी भर्तियों में 10% आरक्षण दिया जाएगा।

इसमें जिन पदों पर आरक्षण लागू होगा, वे हैं:

  • पुलिस कांस्टेबल (सिविल / पीएसी)

  • उपनिरीक्षक (SI)

  • प्लाटून कमांडर, पीएसी

  • फायरमैन

  • अग्निशमन द्वितीय अधिकारी

  • बंदी रक्षक

  • उप कारापाल

  • वन रक्षक / वन निरीक्षक

  • आबकारी कांस्टेबल

  • प्रवर्तन कांस्टेबल

  • सचिवालय रक्षक


अग्निपथ योजना: युवाओं को सैन्य सेवा का अवसर

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 14 जून 2022 को अग्निपथ योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत युवाओं को 4 वर्षों के लिए सेना में सेवा का अवसर मिलता है। सेवा पूरी होने के बाद अग्निवीरों को एकमुश्त वित्तीय पैकेज दिया जाता है, लेकिन स्थायी नौकरी की गारंटी नहीं होती।

यही कारण है कि अग्निवीरों के भविष्य को लेकर कई राज्य सरकारें योजनाएं बना रही हैं, और उत्तराखंड इस दिशा में ठोस कदम उठाने वाला पहला राज्य बन गया है।


मुख्यमंत्री धामी का बयान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा:

"देश की सेवा कर लौटने वाले अग्निवीर उत्तराखंड का गौरव हैं। उन्हें सिर्फ सम्मान नहीं, स्थायी रोजगार का अवसर भी मिलना चाहिए। यह आरक्षण नीति हमारे वीर युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने का एक प्रयास है।"

उन्होंने यह भी जोड़ा कि राज्य सरकार पूर्व सैनिकों और अग्निवीरों दोनों को प्राथमिकता देने की नीति पर काम कर रही है।


क्या होता है क्षैतिज आरक्षण?

क्षैतिज आरक्षण एक ऐसा तंत्र है जो ऊर्ध्वाधर आरक्षण (जैसे कि SC/ST/OBC) के भीतर लागू होता है।

उदाहरण के लिए:
यदि OBC वर्ग के लिए 27% आरक्षण है, तो उसमें से 10% क्षैतिज आरक्षण अग्निवीरों को दिया जाएगा।
यह आरक्षण अन्य क्षैतिज लाभार्थियों जैसे महिलाएं, विकलांग, ट्रांसजेंडर और पूर्व सैनिकों को भी मिलता है।

यह नीति सुनिश्चित करती है कि वंचित वर्गों के भीतर भी जो विशेष सेवाएं दे चुके हैं, उन्हें अतिरिक्त प्राथमिकता दी जाए।


फैसले के प्रभाव

इस निर्णय से न केवल रिटायर्ड अग्निवीरों को स्थिर भविष्य मिलेगा, बल्कि युवाओं के बीच सैन्य सेवा के प्रति आकर्षण भी बढ़ेगा। इससे राज्य में रोजगार दर में सुधार होगा और सैन्य सेवा से लौटे युवाओं का अनुभव, अनुशासन और समर्पण, पुलिस और सुरक्षा सेवाओं में नई ऊर्जा भरने का काम करेगा।


निष्कर्ष

उत्तराखंड सरकार का यह फैसला राष्ट्र सेवा और युवा सशक्तिकरण की दिशा में एक अहम कदम है। इससे एक सकारात्मक संदेश जाता है कि जो युवा देश की रक्षा के लिए आगे आते हैं, सरकार उनके भविष्य को लेकर गंभीर है। उम्मीद है कि अन्य राज्य भी उत्तराखंड की इस पहल से प्रेरणा लेकर अग्निवीरों के पुनर्वास के लिए ठोस नीतियां बनाएंगे।


बलिया और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. balliavocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.