पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने खाली किया बंगला, अब दिल्ली में इस फॉर्म हाउस में नया ठिकाना

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Posted On:Tuesday, September 2, 2025

देश के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वजह है उनका सरकारी आवास खाली करना और दिल्ली के छतरपुर स्थित एक निजी फॉर्महाउस में अस्थाई रूप से रहना। यह फॉर्महाउस हरियाणा के वरिष्ठ नेता और इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के नेता अभय चौटाला का बताया जा रहा है। धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद से वे सार्वजनिक रूप से बेहद शांत रहे हैं।

अब जब उन्होंने सरकारी आवास छोड़ दिया है, उनकी गतिविधियों और भविष्य की योजनाओं को लेकर चर्चाएं फिर तेज हो गई हैं।


अस्थाई ठिकाना: छतरपुर का फार्महाउस

धनखड़ अभी दिल्ली के छतरपुर स्थित फार्महाउस में रह रहे हैं। यह फार्महाउस इंडियन नेशनल लोकदल नेता अभय चौटाला का है। बताया जा रहा है कि यह अस्थाई निवास है और जैसे ही उनका नया आधिकारिक सरकारी आवास तैयार होगा, वे वहां शिफ्ट हो जाएंगे।

सूत्रों के अनुसार, उन्हें 34 एपीजे अब्दुल कलाम रोड पर स्थित टाइप-VIII श्रेणी का बंगला आवंटित किया गया है, जो अभी तैयार किया जा रहा है।


इस्तीफे के बाद से ‘गायब’

धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने न केवल आम जनता बल्कि राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी थी। उनकी चुप्पी ने विपक्ष को हमले का मौका दे दिया। सोशल मीडिया से लेकर सियासी गलियारों तक हर कोई यही पूछता रहा – “धनखड़ कहां हैं?”

अब यह स्पष्ट हुआ है कि इस्तीफे के बाद वे पूरी तरह से परिवार और स्वास्थ्य पर ध्यान दे रहे हैं।


टेबल टेनिस और योग में बिता रहे समय

धनखड़ से जुड़े एक करीबी सूत्र ने जानकारी दी है कि पूर्व उपराष्ट्रपति इन दिनों बहुत साधारण दिनचर्या जी रहे हैं। वे सुबह योग करते हैं और दिन का अधिकतर समय टेबल टेनिस खेलने में बिताते हैं। यह समय वे मानसिक और शारीरिक रूप से खुद को रीसेट करने के लिए ले रहे हैं। उनके करीबी बताते हैं कि वे राजनीति से कुछ समय के लिए पूरी तरह दूर रहना चाहते हैं।


उपराष्ट्रपति पद की रेस और अगला चुनाव

धनखड़ के इस्तीफे के बाद अब नए उपराष्ट्रपति चुनाव की तारीख 9 सितंबर तय की गई है। चुनाव आयोग ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है। एनडीए गठबंधन ने सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि विपक्ष की ओर से अभी प्रत्याशी के नाम पर संशय बरकरार है।

हालांकि इस चुनाव में धनखड़ की सीधी भूमिका नहीं है, लेकिन उनकी खामोशी और मौजूदा गतिविधियां, कई राजनीतिक संकेत दे रही हैं।


क्या धनखड़ राजनीति से संन्यास ले रहे हैं?

यह सवाल अभी भी चर्चा में है। हालांकि उन्होंने सार्वजनिक रूप से ऐसा कोई बयान नहीं दिया है, लेकिन उनका राजनीतिक रूप से निष्क्रिय होना इस बात की ओर इशारा जरूर करता है कि वे फिलहाल राजनीति से दूरी बनाकर चल रहे हैं। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि धनखड़ दोबारा किसी भूमिका में लौट सकते हैं, लेकिन उसके लिए उन्हें स्वास्थ्य और परिस्थिति के अनुकूल समय का इंतजार है।


निष्कर्ष

पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मौजूदा स्थिति राजनीतिक और सामाजिक दोनों दृष्टिकोणों से महत्वपूर्ण है। उनका सरकारी बंगला छोड़ना, फॉर्महाउस में रहना, और खुद को सार्वजनिक रूप से सीमित रखना इस बात का संकेत हो सकता है कि वे एक नए अध्याय की तैयारी में हैं — चाहे वह राजनीतिक वापसी हो या सार्वजनिक जीवन से दूरी।

फिलहाल, देश उनके अगले कदम की प्रतीक्षा कर रहा है।


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