मुंबई, 01 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को नागपुर में महानुभाव पंथ के सम्मेलन में लोगों से अपील की कि धर्म और राजनीति को मिलाना समाज के लिए घातक है। उन्होंने कहा कि मंत्री और नेताओं को धर्म के कार्यों से दूर रखना चाहिए, क्योंकि जहां राजनीतिज्ञ प्रवेश करते हैं वहां विवाद और तनाव बढ़ जाते हैं। गडकरी ने स्पष्ट कहा कि अगर धर्म सत्ता के हाथ में चला गया तो उसका परिणाम केवल हानि होगा। उन्होंने बताया कि धर्म कार्य, समाज कार्य और राजनीति तीनों अलग-अलग क्षेत्र हैं। धर्म व्यक्ति की आस्था का विषय है, लेकिन कुछ नेता इसे राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल करते हैं। इससे विकास और रोजगार जैसे अहम मुद्दे पीछे छूट जाते हैं।
गडकरी ने महानुभाव पंथ के संस्थापक चक्रधर स्वामी की शिक्षाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके विचार हर किसी के जीवन के लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने बताया कि बदलाव संस्कारों से आता है और चक्रधर स्वामी ने सत्य, अहिंसा, शांति, समानता और मानवता के मूल्य स्थापित किए। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि जीवन में सत्य का पालन करें और दूसरों को दुख न पहुंचाएं। समाज में ईमानदारी, विश्वसनीयता और समर्पण बेहद जरूरी हैं। अपने संबोधन में गडकरी ने राजनीति और जीवन से जुड़े अनुभव भी साझा किए। उन्होंने कहा कि बोलना आसान है लेकिन करना बेहद कठिन। उनका मानना है कि जिस क्षेत्र में वे काम करते हैं, वहां मन से सच बोलने की मनाही रहती है। उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति में वही सबसे अच्छा नेता माना जाता है, जो लोगों को सबसे अच्छा मूर्ख बना सके। गडकरी ने समझाया कि शॉर्टकट कभी मंजिल तक नहीं पहुंचाता, बल्कि अधूरी राह में छोड़ देता है।