मुंबई, 11 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। बांग्लादेश में सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमान का रुझान अब जमात-ए-इस्लामी, इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश, खिलाफत मजलिस, मुत्ताहिदे मजलिस-ए-अमल और तंजीमुल उलेमा जैसे कट्टरपंथी इस्लामी दलों की ओर देखा जा रहा है। ये सभी संगठन एकजुट होकर एक धार्मिक कट्टरपंथी मोर्चा बना रहे हैं और आगामी चुनावों के लिए प्रोपोर्शनल रिप्रेजेंटेशन प्रणाली की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि यदि यह प्रणाली लागू नहीं की गई तो वे चुनावों का बहिष्कार करेंगे। वहीं, मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) आंतरिक कलह और रणनीतिक असमंजस से जूझ रही है। पार्टी अब तक उम्मीदवारों के नाम तय नहीं कर पाई है, और अधिकांश सीटों पर एक से अधिक दावेदारों के कारण अंतर्विरोध गहरा गया है। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष तारीक रहमान की संभावित वापसी को संगठन में नया उत्साह भरने वाली उम्मीद के रूप में देखा जा रहा है। इस बीच प्रस्तावित चुनावी व्यवस्था को लेकर भी राजनीतिक संगठनों में मतभेद गहराता जा रहा है। संविधान सुधार आयोग द्वारा सुझाई गई दो सदन वाली संसद में ऊपरी सदन की 100 सीटें पार्टियों को मिले वोट प्रतिशत के आधार पर देने का प्रस्ताव है। कट्टरपंथी इस प्रस्ताव पर सहमत हैं, लेकिन BNP का कहना है कि सीटों का आवंटन निचले सदन में मिली सीटों के अनुपात में होना चाहिए, न कि वोट प्रतिशत के आधार पर।
कट्टरपंथी दल इस प्रणाली को लागू कराने के लिए चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दे रहे हैं, जबकि BNP इसे ब्लैकमेलिंग करार दे रही है। चुनाव की टाइमिंग को लेकर भी दोनों पक्षों के बीच टकराव है। कट्टरपंथी फरवरी 2026 तक चुनाव के लिए तैयार नहीं हैं और चाहते हैं कि चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह परामर्श आधारित हो। वहीं BNP ने फरवरी 2026 में चुनाव कराने पर सैद्धांतिक सहमति दे दी है। BNP के लिए राहत की बात यह है कि पार्टी नेता तारीक रहमान जुलाई या अगस्त में बांग्लादेश लौट सकते हैं। उनकी वापसी को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। खालिदा जिया के घर के पास एक नया आवास तैयार किया गया है जहां वे अपने परिवार के साथ रह सकते हैं। इसी बीच शेख हसीना, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान और पुलिस प्रमुख अब्दुल्ला अल ममून के खिलाफ मानवता विरोधी अपराधों की सुनवाई 3 अगस्त 2025 से शुरू होने जा रही है। आरोप है कि इन्होंने 2024 में छात्र आंदोलन को दबाने के लिए दमन और हत्याएं कराईं। पुलिस प्रमुख ममून ने आरोपों को स्वीकार भी कर लिया है। शेख हसीना पिछले वर्ष अगस्त में देश छोड़ चुकी हैं।