भारतीय महिला क्रिकेट की 'क्वीन' स्मृति मंधाना के लिए साल 2025 किसी सुनहरे सपने से कम नहीं रहा है। अपनी कलात्मक बल्लेबाजी और निरंतरता के दम पर उन्होंने न केवल भारतीय टीम को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया है, बल्कि अब वह एक ऐसे मुकाम पर खड़ी हैं जहाँ महिला और पुरुष क्रिकेट की सीमाएं धुंधली होती नजर आ रही हैं।
श्रीलंका के खिलाफ चौथे टी20 मुकाबले में 80 रनों की आतिशी पारी खेलकर स्मृति ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 10,000 रनों का जादुई आंकड़ा पार कर लिया है। लेकिन, कहानी यहीं खत्म नहीं होती। साल खत्म होने से पहले उनके पास एक ऐसा रिकॉर्ड तोड़ने का मौका है, जो विश्व क्रिकेट में उनकी बादशाहत पर मुहर लगा देगा।
शुभमन गिल बनाम स्मृति मंधाना: रनों की जंग
साल 2025 में सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय रन बनाने की रेस अब बेहद रोमांचक मोड़ पर है। वर्तमान में भारतीय पुरुष टीम के कप्तान शुभमन गिल 1764 रनों के साथ शीर्ष पर काबिज हैं। गिल ने 35 मैचों की 42 पारियों में 49 की औसत और 7 शतकों की मदद से यह आंकड़ा छुआ है।
वहीं, स्मृति मंधाना ने अब तक तीनों फॉर्मेट में कुल 1703 रन बना लिए हैं। वह गिल के रिकॉर्ड से महज 62 रन दूर हैं। मंगलवार को श्रीलंका के खिलाफ होने वाले सीरीज के पांचवें और आखिरी टी20 मैच में यदि स्मृति 62 रन और बना लेती हैं, तो वह 2025 में (पुरुष और महिला दोनों वर्गों में) दुनिया की सबसे ज्यादा रन बनाने वाली क्रिकेटर बन जाएंगी।
2025: स्मृति के करियर का स्वर्णिम काल
स्मृति मंधाना की इस सफलता के पीछे उनकी बेमिसाल फॉर्म और कड़ी मेहनत है। उनके आंकड़ों पर नजर डालें तो इस साल उनका दबदबा साफ नजर आता है:
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वनडे फॉर्मेट: 23 मैचों में 1362 रन, जिसमें 5 शतक और 5 अर्धशतक शामिल हैं। उनका स्ट्राइक रेट 110 और औसत 62 का रहा है।
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टी20 फॉर्मेट: 9 मैचों में 341 रन, जिसमें एक शानदार शतक भी शामिल है।
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कुल उपलब्धि: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 10,000 रन पूरे करने वाली वह दिग्गज खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो गई हैं।
महिला क्रिकेट के लिए ऐतिहासिक क्षण
यदि स्मृति यह उपलब्धि हासिल करती हैं, तो यह केवल उनके व्यक्तिगत करियर की जीत नहीं होगी, बल्कि वैश्विक स्तर पर महिला क्रिकेट के बढ़ते प्रभाव का प्रमाण होगी। ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल स्टेडियम में होने वाला आखिरी मैच स्मृति के लिए इतिहास रचने का मंच बन सकता है। भारतीय टीम पहले ही सीरीज में 4-0 की बढ़त बना चुकी है, ऐसे में स्मृति बिना किसी दबाव के अपनी स्वाभाविक बल्लेबाजी कर सकती हैं।