भारतीय महिला क्रिकेट में रविवार, 21 दिसंबर 2025 का दिन एक नई सुनहरी इबारत के रूप में दर्ज हो गया। विशाखापत्तनम के मैदान पर जब टीम इंडिया श्रीलंका के खिलाफ पहले टी20 मुकाबले के लिए उतरी, तो सबकी निगाहें 20 साल की एक युवा खिलाड़ी पर टिकी थीं। यह खिलाड़ी कोई और नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश के ग्वालियर की रहने वाली वैष्णवी शर्मा हैं, जिन्होंने नीली जर्सी पहनकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना पहला कदम रखा।
कप्तान हरमनप्रीत ने सौंपी 'डेब्यू कैप'
मुकाबले की शुरुआत से पहले एक भावुक पल देखने को मिला जब भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने पूरी टीम की मौजूदगी में वैष्णवी शर्मा को उनकी पहली इंटरनेशनल टी20 कैप सौंपी। बीसीसीआई महिला (BCCI Women) ने इस पल का वीडियो साझा करते हुए इसे 'अत्यंत खुशी का क्षण' बताया। विशाखापत्तनम का डॉ. वाईएस राजशेखर रेड्डी स्टेडियम इस युवा प्रतिभा के उदय का गवाह बना।
घरेलू क्रिकेट की 'विकेट मशीन'
वैष्णवी शर्मा का टीम इंडिया तक का सफर उनकी कड़ी मेहनत और विकेट चटकाने की अद्भुत क्षमता का परिणाम है। उनके हालिया आंकड़े किसी को भी हैरान करने के लिए काफी हैं:
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सीनियर महिला टी20 ट्रॉफी: मध्य प्रदेश की ओर से खेलते हुए वैष्णवी ने महज 11 मैचों में 21 विकेट लेकर टूर्नामेंट की सबसे सफल गेंदबाज बनने का गौरव हासिल किया।
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इंटर-जोनल टी20: सेंट्रल जोन के लिए उन्होंने 5 मैचों में 12 विकेट झटके।
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अंडर-19 वर्ल्ड कप की हीरो: साल की शुरुआत में भारत की अंडर-19 महिला टीम ने जब वर्ल्ड कप जीता, तो वैष्णवी ने 17 विकेट लेकर टीम की जीत में सबसे अहम भूमिका निभाई थी।
कौन हैं वैष्णवी शर्मा? (ग्वालियर से विशाखापत्तनम तक का सफर)
वैष्णवी शर्मा मध्य प्रदेश के ग्वालियर की रहने वाली हैं। वह ग्वालियर-चंबल संभाग से भारतीय राष्ट्रीय महिला टीम में जगह बनाने वाली पहली महिला क्रिकेटर बन गई हैं। उनके पिता नरेंद्र शर्मा पेशे से एक ज्योतिषी हैं, जिन्होंने हमेशा अपनी बेटी के सपनों को पंख दिए। एक छोटे शहर से निकलकर वर्ल्ड चैंपियन बनने और फिर सीनियर टीम की कैप हासिल करने तक का उनका सफर करोड़ों लड़कियों के लिए प्रेरणादायक है।
डेब्यू मैच में शानदार स्पेल
वैष्णवी को जिस भरोसे के साथ टीम में शामिल किया गया, उन्होंने उस पर पूरी तरह खरा उतरकर दिखाया। श्रीलंका के खिलाफ अपने पहले ही मैच में उन्होंने 4 ओवर के कोटे में मात्र 16 रन खर्च किए। भले ही उन्हें इस मैच में विकेट का कॉलम खाली दिखा हो, लेकिन उनकी 'इकोनॉमी रेट' (4.00) ने श्रीलंकाई बल्लेबाजों को हाथ खोलने का एक भी मौका नहीं दिया। उनकी सटीक लाइन-लेंथ और फ्लाइटेड गेंदों ने दिग्गजों को भी प्रभावित किया।
भविष्य की ओर कदम
अगले साल होने वाले टी20 वर्ल्ड कप को देखते हुए वैष्णवी शर्मा की एंट्री भारतीय स्पिन विभाग को और मजबूती देती है। दीप्ति शर्मा के अनुभव और वैष्णवी जैसी युवा ऊर्जा का मिश्रण टीम इंडिया को आने वाले समय में एक अपराजेय शक्ति बना सकता है।
निष्कर्ष: वैष्णवी शर्मा ने अपने पहले ही मैच में यह साबित कर दिया कि उनमें बड़े मंच पर दबाव झेलने की क्षमता है। ग्वालियर की इस बेटी से अब प्रशंसकों को उम्मीद है कि वह आने वाले मैचों में अपनी जादुई फिरकी से विपक्षी टीमों को चारों खाने चित करेंगी।