Asia Cup के फाइनल में भारत की हार के 4 बड़े कारण, समीर मिन्हास ने अकेले कर दिया तहस नहस

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Posted On:Monday, December 22, 2025

दुबई के मैदान पर खेले गए अंडर-19 एशिया कप 2024 के फाइनल मुकाबले में क्रिकेट प्रशंसकों को एक कड़े मुकाबले की उम्मीद थी, लेकिन पाकिस्तान ने खेल के हर विभाग में भारत को पछाड़ते हुए 191 रनों की विशाल जीत दर्ज की। यह दूसरा अवसर है जब पाकिस्तान ने इस प्रतिष्ठित खिताब पर अपना कब्जा जमाया है। पहले बल्लेबाजी करते हुए पाकिस्तान ने 347 रनों का पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा किया, जिसके जवाब में भारतीय टीम ताश के पत्तों की तरह बिखर गई और पूरी टीम महज 156 रनों पर सिमट गई।

भारतीय टीम की इस करारी शिकस्त के पीछे कई तकनीकी और रणनीतिक चूकें रहीं। आइए विश्लेषण करते हैं उन प्रमुख कारणों का जिनकी वजह से भारत को फाइनल में हार का सामना करना पड़ा:

1. समीर मिन्हास का रौद्र रूप और रणनीति की कमी

पाकिस्तान की जीत की सबसे बड़ी नींव सलामी बल्लेबाज समीर मिन्हास ने रखी। उन्होंने मात्र 113 गेंदों में 172 रनों की तूफानी पारी खेली। गौर करने वाली बात यह है कि मिन्हास पूरे टूर्नामेंट में शानदार फॉर्म में थे और पहले ही एक बड़ी पारी (177 रन) खेल चुके थे। टूर्नामेंट की 4 पारियों में 299 रन बनाने वाले खिलाड़ी के खिलाफ भारतीय टीम मैनेजमेंट के पास कोई ठोस 'प्लान-बी' नजर नहीं आया। भारतीय गेंदबाजों ने उन्हें हाथ खोलने के भरपूर मौके दिए, जिसका फायदा उठाकर उन्होंने मैच को भारत की पहुंच से दूर कर दिया।

2. लक्ष्य के दबाव में चरमराता बैटिंग ऑर्डर

जब सामने 348 रनों का लक्ष्य हो, तो एक मजबूत शुरुआत की जरूरत होती है। लेकिन भारतीय शीर्ष क्रम इस दबाव को झेलने में पूरी तरह विफल रहा। 49 रनों के कुल योग तक भारत के तीन प्रमुख बल्लेबाज पवेलियन लौट चुके थे। युवा सनसनी वैभव सूर्यवंशी (26) और कप्तान आयुष म्हात्रे (2) बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे। विहान मलहोता और अभिज्ञान कुंडू, जो अब तक टूर्नामेंट में अच्छे दिख रहे थे, फाइनल के मनोवैज्ञानिक दबाव के आगे टिक नहीं पाए। मध्यक्रम के पास कोई साझेदारी बनाने का मौका ही नहीं बचा, जिससे हार सुनिश्चित हो गई।

3. टॉस का गलत फैसला और ऐतिहासिक आंकड़े

क्रिकेट में अक्सर आंकड़े और इतिहास बहुत कुछ कहते हैं। अंडर-19 एशिया कप के पिछले 11 संस्करणों में केवल दो बार ही लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम जीत पाई थी। फाइनल जैसे बड़े मैच में, जहाँ स्कोरबोर्ड का दबाव (Scoreboard Pressure) महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, भारत ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का साहसिक लेकिन आत्मघाती निर्णय लिया। दुबई की पिच पर पहले बल्लेबाजी कर बड़ा स्कोर बनाना हमेशा फायदेमंद रहता है, जिसे पाकिस्तान ने बखूबी साबित किया।

4. पाकिस्तानी पेस अटैक का कहर

भारतीय बल्लेबाजों की तकनीकी कमजोरी उस समय उजागर हो गई जब पाकिस्तान के तेज गेंदबाजों ने गेंद को स्विंग और सीम कराना शुरू किया। पाकिस्तान के पेस अटैक ने भारतीय पारी के सभी 10 विकेट झटके। अली रजा ने घातक गेंदबाजी करते हुए मात्र 6.2 ओवरों में 4 विकेट चटकाकर भारतीय बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी। मोहम्मद सय्यम, अब्दुल सुभन और हुजैफा अहसान ने दो-दो विकेट लेकर रजा का बखूबी साथ दिया। भारतीय बल्लेबाज इन तेज गेंदबाजों की गति और सटीक लाइन-लेंथ का कोई जवाब नहीं ढूंढ पाए।


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