साल 2025 भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक ऐसे अध्याय के रूप में दर्ज हो गया है, जिसे 'बदलाव और गौरव' का मिश्रण कहा जा सकता है। यह साल भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए भावनाओं का ज्वार लेकर आया। एक तरफ जहाँ टीम इंडिया ने दो बड़े खिताब (चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप) जीतकर अपनी व्हाइट बॉल की बादशाहत साबित की, वहीं दूसरी ओर टेस्ट क्रिकेट में दो दिग्गजों—रोहित शर्मा और विराट कोहली—के संन्यास ने एक युग का अंत कर दिया।
आइए एक नजर डालते हैं कि 2025 में टीम इंडिया का सफर कैसा रहा।
टेस्ट क्रिकेट: एक चुनौतीपूर्ण दौर
लाल गेंद के खेल में भारत के लिए यह साल काफी कठिन रहा। टीम ने कुल 10 टेस्ट मैच खेले, जिनमें से केवल 4 में जीत मिली, जबकि 5 मैचों में हार का स्वाद चखना पड़ा।
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बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी: साल की शुरुआत निराशाजनक रही, जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के आखिरी टेस्ट में भारत को 6 विकेट से हार झेलनी पड़ी।
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इंग्लैंड दौरा: शुभमन गिल की कप्तानी में नई पीढ़ी ने इंग्लैंड में जज्बा दिखाया और पांच मैचों की रोमांचक सीरीज 2-2 से ड्रॉ कराई।
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घरेलू सीरीज: घर में खेलते हुए भारत ने वेस्टइंडीज को तो 2-0 से धूल चटाई, लेकिन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टीम इंडिया अपनी ही पिचों पर पस्त नजर आई और सीरीज 0-2 से गँवा दी।
रोहित और विराट के टेस्ट से विदा लेने के बाद भारतीय मध्यक्रम में एक खालीपन सा महसूस हुआ, जिसे भरने की जिम्मेदारी अब युवा कंधों पर है।
वनडे: चैंपियंस ट्रॉफी का सूखा हुआ खत्म
टेस्ट की निराशा को टीम इंडिया ने वनडे फॉर्मेट में धो डाला। साल 2025 में भारत का वनडे रिकॉर्ड बेमिसाल रहा। टीम ने 14 मैचों में से 11 में जीत दर्ज की।
इस साल की सबसे बड़ी उपलब्धि चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की जीत रही। फाइनल में न्यूजीलैंड को 4 विकेट से हराकर भारत ने एक बार फिर आईसीसी ट्रॉफी अपने नाम की। इसके अलावा, इंग्लैंड को 3-0 से क्लीन स्वीप करना और दक्षिण अफ्रीका को उनके घर में 2-1 से हराना टीम के आत्मविश्वास को दर्शाता है। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में 1-2 की हार एक छोटा सा दाग रही।
टी20: अजेय रही टीम इंडिया
सूर्यकुमार यादव की कप्तानी में भारत ने टी20 फॉर्मेट में एक नई परिभाषा लिखी। साल 2025 में भारत ने 21 मैच खेले और 16 में जीत हासिल की।
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एशिया कप 2025: भारत ने इस टूर्नामेंट में दबदबा बनाए रखते हुए खिताब अपने नाम किया।
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सीरीज रिकॉर्ड: भारत ने इस साल एक भी टी20 सीरीज नहीं हारी। इंग्लैंड को 4-1, ऑस्ट्रेलिया को 2-1 और दक्षिण अफ्रीका को 3-1 से हराकर टीम ने यह संदेश दिया कि टी20 में उन्हें हराना फिलहाल नामुमकिन सा है।
निष्कर्ष: नई उम्मीदों के साथ 2026 की ओर
साल 2025 ने भारतीय टीम को बहुत कुछ दिया है और बहुत कुछ सिखाया भी है। व्हाइट बॉल क्रिकेट में दो बड़ी ट्राफियां आना प्रशंसकों के लिए नए साल का सबसे बड़ा उपहार है। हालांकि, टेस्ट क्रिकेट में निरंतरता की कमी और दिग्गजों का जाना एक बड़ी चिंता है।
अब सारा ध्यान युवा कप्तान शुभमन गिल और सूर्यकुमार यादव पर होगा कि वे कैसे टीम को साल 2026 की नई चुनौतियों के लिए तैयार करते हैं। भारतीय क्रिकेट अब पूरी तरह से एक नए युग में प्रवेश कर चुका है