विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद बिहार पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे दौरे में विपक्ष, विशेषकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। अपने पहले के संबोधनों के विपरीत, इस बार उन्होंने विपक्षी नेताओं द्वारा लगाए जा रहे आरोपों का खुलकर जवाब दिया और उन्हें बिहार के अतीत के 'जंगलराज' और कुशासन के नाम पर घेरा। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में धार्मिक, आर्थिक और सामाजिक विकास के मुद्दों को प्रमुखता दी।
छठ महापर्व का अपमान और सांस्कृतिक राजनीति
पीएम मोदी ने छठ महापर्व को केंद्र में रखकर राजद और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार जहां छठी मैया को यूनेस्को की सूची में शामिल कराने का प्रयास कर रही है और छठ गीतों की देशव्यापी प्रतिस्पर्धा आयोजित कर रही है, वहीं विपक्ष के नेता इस पर्व का अपमान कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और राजद के नेता छठ पूजा को "नौटंकी" और "ड्रामा" बताते हैं। उन्होंने भावनात्मक अपील करते हुए बिहार की माताओं और बहनों से पूछा कि क्या वे निर्जला उपवास रखने वाली माताओं का अपमान करने वालों को सहन करेंगी? उन्होंने दृढ़ता से कहा कि "इस अपमान को सैकड़ों साल तक बिहार नहीं भूलेगा।"
जंगलराज की पहचान: 'कट्टा, क्रूरता, कुशासन और करप्शन'
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस और राजद पर बिहार की प्रगति में बाधा डालने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ये पार्टियां बिहार को विकसित नहीं बना सकतीं क्योंकि इन्होंने वर्षों तक बिहार पर राज करने के बावजूद विश्वासघात किया है। उन्होंने राजद पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि इन "जंगलराज वालों की पहचान पांच चीजों से है: कट्टा, क्रूरता, कटुता, कुशासन और करप्शन।" पीएम मोदी ने 2001 के 'गोलू अपहरण कांड' की भयावह घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि राजद के शासन में अपहरण और हत्याएं आम थीं, जिससे रोते-बिलखते मां-बाप से उन्हें कोई मतलब नहीं था। उन्होंने विपक्षी दलों के चुनाव प्रचार में उपयोग हो रहे नारों में "छर्रा, कट्टा, दोनाली" जैसे शब्दों का जिक्र करते हुए उनकी "खतरनाक नीयत" पर सवाल उठाए।
आत्मनिर्भर बिहार और विकास का एजेंडा
पीएम मोदी ने विकसित भारत के लिए विकसित बिहार के संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार के प्रयासों से बिहार अब आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने मखाना का दुनिया भर में जाना, फूड प्रोसेसिंग, आईटी पार्क, और लेदर क्लस्टर के विकास का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि बिहार अब मछली बाहर से मंगाना बंद करके दूसरे राज्यों को निर्यात कर रहा है। एनडीए का संकल्प है: कमाई, दवाई, पढ़ाई और सिंचाई। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि बिहार का बेटा काम के लिए पलायन नहीं करेगा, बल्कि यहीं काम करेगा।
जीएसटी बचत और पिछड़ा वर्ग सम्मान
पीएम मोदी ने हालिया जीएसटी बचत उत्सव का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जीएसटी में कमी के कारण पिछले साल की तुलना में इस साल अक्टूबर-सितंबर के महीनों में बिहार में मोटर बाइक की बिक्री तीन गुना बढ़ी है, जिससे लोगों के हजारों रुपये बचे हैं। उन्होंने बाबा साहेब आंबेडकर का सम्मान करने पर जोर दिया और कहा कि उनकी प्रेरणा से ही पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने डिजिटल लेनदेन ऐप का नाम 'भीम' रखा है और बाबा साहेब से जुड़े स्थलों को 'पंच तीर्थ स्थल' के रूप में विकसित किया है।
वंशवाद पर हमला और 'नामदार बनाम कामदार' की बहस
पीएम मोदी ने अपने संबोधन के अंत में वंशवादी राजनीति पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में "दो युवराजों ने झूठे वादों की दुकान खोल दी है"— एक "भारत के सबसे भ्रष्ट परिवार का युवराज" और दूसरा "बिहार के भ्रष्ट परिवार का युवराज।" उन्होंने कहा कि ये "नामदार लोग कामदार को गाली" दे रहे हैं और पिछड़े व्यक्ति को गाली देना सम्मान समझते हैं। पीएम मोदी ने पलटवार करते हुए कहा, "मैं आपकी कृपा से यहां नहीं पहुंचा, करोड़ों की कृपा से पहुंचा।" प्रधानमंत्री ने बिहार की जनता से अपील की कि भाजपा-एनडीए को दिया गया एक-एक वोट काम करने वाला है और यह महिला सशक्तीकरण तथा राज्य के विकास को सुनिश्चित करेगा।