सिंगापुर के एक प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान, रैफल्स अस्पताल में कार्यरत एक भारतीय नागरिक नर्स को एक पुरुष आगंतुक के साथ छेड़छाड़ के आरोप में दोषी ठहराया गया है। इस शर्मनाक अपराध के लिए 34 वर्षीय एलीपे सिवा नागू को सिंगापुर की अदालत ने 14 महीने की जेल और दो बेंत मारने की सजा सुनाई है। यह घटना अस्पताल के भीतर सुरक्षा और मरीजों के आगंतुकों की गरिमा पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
"डिसइंफेक्ट" करने के बहाने अनुचित हरकत
भारतीय नागरिक एलीपे सिवा नागू, जो अस्पताल में नर्स की ड्यूटी पर तैनात था, पर आरोप था कि उसने अस्पताल में भर्ती अपने दादा से मिलने आए एक पुरुष आगंतुक के साथ "डिसइंफेक्ट" (कीटाणुरहित) करने के बहाने अनुचित हरकत की। अपराध के तुरंत बाद एलीप को उसकी नर्सिंग ड्यूटी से निलंबित कर दिया गया था। 'द स्ट्रेट्स टाइम्स' की रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी ने अदालत में अपना अपराध स्वीकार कर लिया। इसके बाद सिंगापुर की अदालत ने शुक्रवार को उसे एक साल और दो महीने की कारावास की सजा सुनाई। सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि इस घिनौने अपराध के कारण पीड़ित को घटना की पुरानी यादें ताजा हो गईं, जिससे वह मानसिक रूप से प्रभावित हुआ। अदालती दस्तावेजों में पीड़ित की पहचान या उम्र को सार्वजनिक नहीं किया गया है।
घटना का विवरण
उप लोक अभियोजक (डीपीपी) यूजीन फुआ ने अदालत को घटना का विस्तृत ब्यौरा दिया। यह घटना 18 जून की शाम करीब $7:30$ बजे नॉर्थ ब्रिज रोड स्थित रैफल्स अस्पताल में हुई थी। पीड़ित व्यक्ति अपने दादा से मिलने अस्पताल गया था। डीपीपी फुआ ने बताया कि जब पीड़ित एक मरीज के शौचालय का उपयोग कर रहा था, तभी आरोपी एलीपे सिवा नागू ने अंदर झांका। इसके बाद, एलीप ने पीड़ित को "कीटाणुरहित" करने का बहाना बनाया। इसी बहाने, एलीप ने पीड़ित के हाथ पर साबुन लगाया और फिर उसके साथ छेड़छाड़ की। अदालत को सूचित किया गया कि पीड़ित इस अप्रत्याशित और चौंकाने वाली हरकत के कारण सदमे में था और हिल-डुल नहीं पाया। बाद में, पीड़ित इस भयानक अनुभव के बाद अपने दादा के बिस्तर के पास लौट आया।
त्वरित कानूनी कार्रवाई
अदालती दस्तावेजों में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि पीड़ित ने तत्काल क्या कार्रवाई की, लेकिन इस घटना की औपचारिक शिकायत 21 जून को दर्ज की गई। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दो दिन बाद, 23 जून को आरोपी एलीप को गिरफ्तार कर लिया। शुक्रवार को सिंगापुर की अदालत ने एलीपे सिवा नागू को छेड़छाड़ के अपराध में दोषी मानते हुए 14 महीने की जेल और दो बेंत की कठोर सजा सुनाई। यह सजा इस बात को रेखांकित करती है कि सिंगापुर में यौन उत्पीड़न के मामलों में कानून कितने सख्त हैं। इस घटना ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के भीतर सुरक्षा और नैतिकता के मानकों पर चिंता पैदा कर दी है।