मुंबई, 15 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) तकनीक उद्योग में एक बड़ा संकट पैदा हो गया है, जिसका सीधा असर स्मार्टफोन और कंप्यूटर जैसे उपभोक्ता उत्पादों पर पड़ सकता है। दुनिया की सबसे बड़ी मेमोरी चिप निर्माता कंपनी सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स (Samsung Electronics) ने DDR5 मेमोरी चिप्स की कीमतों में 60% तक की भारी वृद्धि की है। यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) डेटा सेंटर बनाने की वैश्विक होड़ के कारण आपूर्ति में आई गंभीर कमी के चलते हुई है।
AI मांग ने बढ़ाया चिप्स का संकट
कीमतों में यह तेज उछाल सितंबर की तुलना में नवंबर में देखा गया है, जो हाल के दिनों में सबसे बड़ी अल्पकालिक मूल्य वृद्धि में से एक है। इसकी मुख्य वजह AI बूम है। ChatGPT, Gemini और Copilot जैसे AI मॉडल को पावर देने वाले सर्वर में हाई-बैंडविड्थ मेमोरी (HBM) और DDR5 चिप्स की मांग बहुत तेज़ी से बढ़ी है।
पैनिक बाइंग: डेटा सेंटर बनाने वाली बड़ी कंपनियाँ पर्याप्त चिप्स हासिल करने के लिए प्रीमियम मूल्य चुका रही हैं और बड़े पैमाने पर 'पैनिक बाइंग' (घबराहट में खरीददारी) कर रही हैं, जिससे बाज़ार में आपूर्ति का संतुलन बिगड़ गया है।
कीमतों में वृद्धि: सैमसंग के 32GB DDR5 मॉड्यूल की कॉन्ट्रैक्ट कीमतें सितंबर में $149 से बढ़कर नवंबर में $239 हो गईं (लगभग 60% वृद्धि)। 16GB और 128GB DDR5 चिप्स की कीमतों में भी लगभग 50% की वृद्धि हुई है।
स्मार्टफोन और सर्वर कंपनियों पर असर
मेमोरी चिप्स की बढ़ती कीमतों का सीधा असर सर्वर निर्माताओं और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों पर पड़ रहा है:
सर्वर तनाव: सबसे बड़े सर्वर निर्माता और डेटा सेंटर बिल्डर्स अब यह स्वीकार कर रहे हैं कि उन्हें ज़रूरत के हिसाब से उत्पाद नहीं मिल पाएंगे, जिससे डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने वाली कंपनियों पर तनाव बढ़ रहा है।
उपभोक्ता उत्पादों की लागत: DDR5 और अन्य मेमोरी चिप्स (जैसे NAND फ्लैश स्टोरेज) का उपयोग स्मार्टफोन, लैपटॉप और कंप्यूटर में भी होता है। Xiaomi जैसी स्मार्टफोन कंपनियों ने पहले ही चेतावनी दी है कि बढ़ती कीमतों ने उनके फोन बनाने की लागत को बढ़ा दिया है। विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले समय में फ्लैगशिप स्मार्टफोन की कीमतों में $50 से $100 तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
सैमसंग के लिए फायदा: हालांकि सैमसंग उन्नत AI चिप्स की पेशकश में अपने प्रतिद्वंद्वियों से पीछे रहा है, लेकिन मेमोरी चिप्स की इस कमी ने उसे मजबूत मूल्य निर्धारण शक्ति दी है, जिससे कंपनी के मुनाफे में तेजी आने की उम्मीद है।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह कमी और कीमतों में बढ़ोतरी का दौर 2027 या 2028 तक जारी रह सकता है, क्योंकि AI की मांग में फिलहाल कोई कमी नहीं दिख रही है।