मुंबई, 11 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। वोटर वेरिफिकेशन और चुनाव में धांधली के आरोपों को लेकर सोमवार को विपक्ष के करीब 300 सांसदों ने संसद से चुनाव आयोग के दफ्तर तक मार्च निकाला। इस प्रदर्शन में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल थे। मार्च के दौरान पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर संसद मार्ग थाने पहुंचाया, जहां से दो घंटे बाद छोड़ दिया गया। हिरासत में लिए जाने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि यह संविधान और ‘एक व्यक्ति-एक वोट’ के अधिकार की लड़ाई है, इसलिए साफ और निष्पक्ष वोटर लिस्ट जरूरी है। प्रियंका गांधी ने सरकार को डरी हुई और कायर बताया।
मार्च के दौरान अखिलेश यादव बैरिकेडिंग फांदकर आगे बढ़ने की कोशिश करते दिखे, जबकि प्रियंका गांधी, डिंपल यादव और अन्य सांसद ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ के नारे लगाते नजर आए। इस दौरान टीएमसी सांसद मिताली बाग और महुआ मोइत्रा की तबीयत बिगड़ गई और वे बेहोश हो गईं, जिनकी मदद राहुल गांधी और अन्य सांसदों ने की। दिल्ली पुलिस का कहना है कि इंडिया ब्लॉक ने मार्च के लिए कोई अनुमति नहीं मांगी थी, इसलिए सांसदों को इलेक्शन कमीशन पहुंचने से पहले ही परिवहन भवन के पास रोक दिया गया।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग अपने डेटा को सार्वजनिक करने से बच रहा है क्योंकि इसमें गड़बड़ियों का खुलासा हो जाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे वोट के अधिकार और लोकतंत्र बचाने की लड़ाई बताया। कांग्रेस के जयराम रमेश ने कहा कि चुनाव आयोग को ‘चुराओ आयोग’ नहीं बनना चाहिए, जबकि अमर सिंह ने दावा किया कि आयोग किसी सवाल का जवाब नहीं देता और बीजेपी ही उनकी ओर से बोलती है। केसी वेणुगोपाल ने सांसदों के आयोग जाने की आजादी न होने पर सवाल उठाया। सुप्रिया सुले ने कहा कि उनका विरोध महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर आधारित है। वहीं, बीजेपी सांसद सौमित्र खान ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे मृतकों और बाहरी नागरिकों तक को वोट दिलवाना चाहते हैं। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस और विपक्ष ने संसद का बहुत समय बर्बाद किया है और अब इसे और बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा।