मुंबई, 23 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। कोरोना के मामलों में एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वृद्धि देखने को मिल रही है, खासकर चीन, सिंगापुर और थाईलैंड जैसे देशों में मामलों में इजाफा दर्ज किया गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को सभी अस्पतालों के लिए एक नई एडवाइजरी जारी की है। सरकार ने निर्देश दिए हैं कि अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, दवाइयां और वैक्सीन का इंतजाम हर हाल में सुनिश्चित किया जाए। सरकार की ओर से जारी आदेश में सभी कोविड पॉजिटिव सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए लोक नायक अस्पताल भेजने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही हर स्वास्थ्य संस्था को कहा गया है कि वे रोजाना अपनी कोविड रिपोर्ट दिल्ली हेल्थ डेटा पोर्टल पर अपलोड करें ताकि संक्रमण के रुझानों पर नजर रखी जा सके। देश के अन्य हिस्सों में भी कोविड संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। गुजरात के अहमदाबाद में शुक्रवार को एक ही दिन में 20 नए मरीज मिले, जिससे कुल संक्रमितों की संख्या 40 पहुंच गई है, जिनमें से 33 केस एक्टिव हैं। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक नौ महीने का बच्चा कोरोना पॉजिटिव पाया गया है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हरियाणा में भी बीते 48 घंटों में 5 नए मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें दो महिलाएं शामिल हैं और किसी की भी अंतरराष्ट्रीय यात्रा की हिस्ट्री नहीं मिली है।
राष्ट्रीय स्तर पर बात करें तो देश में अब तक कोरोना के 261 नए मामले सामने आ चुके हैं। इनमें केरल में सबसे ज्यादा 95, तमिलनाडु में 66 और महाराष्ट्र में 56 नए केस दर्ज किए गए हैं। इन मामलों के लिए ओमिक्रोन के नए वैरिएंट JN.1 को जिम्मेदार माना जा रहा है। JN.1 वैरिएंट को लेकर वैज्ञानिकों का कहना है कि यह ओमिक्रोन के BA.2.86 वेरिएंट का एक स्ट्रेन है, जिसे पहली बार अगस्त 2023 में पहचाना गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दिसंबर 2023 में इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया। इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स पाए गए हैं जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकते हैं। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार यह वैरिएंट तेजी से फैलता है लेकिन अधिक गंभीर बीमारी नहीं पैदा करता। हालांकि, कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए यह वैरिएंट चिंता का कारण बन सकता है। इसके लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक बने रह सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि लक्षण लंबे समय तक मौजूद रहें, तो यह 'लॉन्ग कोविड' की स्थिति हो सकती है, जिसमें कोविड के लक्षण बीमारी खत्म होने के बाद भी बने रहते हैं।