इन दिनों इजरायल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष को लेकर सोशल मीडिया पर तमाम वीडियो और दावे वायरल हो रहे हैं। खासकर एक वीडियो ने लोगों का ध्यान खींचा है, जिसमें एक इजरायली नेता मीडिया से बातचीत करते हुए अचानक सायरन की आवाज पर भागते नजर आते हैं। सोशल मीडिया यूजर्स का दावा है कि यह वीडियो हालिया ईरान-इजरायल युद्ध के दौरान का है, जिसमें मिसाइल हमले की आशंका के बाद मंत्री को जान बचाकर भागते देखा जा सकता है।
लेकिन क्या यह दावा सही है? क्या यह वीडियो सच में मौजूदा ईरान-इजरायल संघर्ष से जुड़ा हुआ है?
क्या है वायरल दावा?
सबुक, ट्विटर (अब X), इंस्टाग्राम जैसे कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें एक व्यक्ति—जो इजरायली नेता बताया जा रहा है—मीडिया से बात कर रहा है। तभी अचानक सायरन बजता है और वह अन्य लोगों के साथ तेजी से भागता नजर आता है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो ईरान के हालिया मिसाइल हमले के दौरान का है, और यह शख्स इजरायल सरकार का मंत्री है जो मौके से भाग निकला।
एक X यूजर Zehra Calligraphy ने लिखा – "इजरायली मंत्री मीडिया से बात कर रहा था तभी ईरानी मिसाइल आ गिरी तो भाग खड़े हुए।” इस जैसे सैकड़ों पोस्ट वायरल हो रहे हैं।
फैक्ट चेक: सच्चाई क्या है?
इस वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने सबसे पहले वीडियो के की-फ्रेम्स को लेकर रिवर्स इमेज सर्च किया। जांच के दौरान हमें यह वीडियो 15 अक्टूबर 2023 को एक पुराने ट्वीट में मिला। इसका सीधा मतलब है कि यह वीडियो वर्तमान (जून 2025) के ईरान-इजरायल संघर्ष से नहीं जुड़ा हुआ है।
इसके बाद हमें एक CBN News की रिपोर्ट मिली, जो 16 अक्टूबर 2023 को प्रकाशित हुई थी। इस रिपोर्ट में इस वीडियो का पूरा संदर्भ दिया गया था
पुरानी घटना की सच्चाई
रिपोर्ट के अनुसार, यह वीडियो 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमास के हमले के बाद का है। उस वक्त इजरायल के Sderot शहर में एक प्रेस ब्रीफिंग आयोजित की गई थी। इसमें संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत डैनी डेनन, कुछ अन्य देशों के प्रतिनिधि और पत्रकार मौजूद थे।
जब डैनी डेनन मीडिया से बातचीत कर रहे थे, तभी हमले की आशंका में रॉकेट अलर्ट का सायरन बजा। इसके बाद सभी लोगों को तत्काल सुरक्षित स्थान पर भागना पड़ा। यह पूरी घटना CBN News के कैमरे में रिकॉर्ड हुई थी, जिसे अब भ्रामक दावे के साथ फिर से वायरल किया जा रहा है।
भ्रामक जानकारी फैलाने की कोशिश
यह स्पष्ट है कि यह वीडियो करीब डेढ़ साल पुराना है और इसका ईरान के साथ इजरायल के वर्तमान संघर्ष से कोई लेना-देना नहीं है। पुराने वीडियो को नया बताकर शेयर करना न केवल भ्रामक है, बल्कि यह जनता में गलतफहमी और दहशत फैलाने का माध्यम भी बन सकता है क्या कहता है भारत सरकार और फैक्ट-चेकिंग एजेंसियां?
भारत सरकार की PIB Fact Check यूनिट और कई स्वतंत्र फैक्ट-चेक पोर्टल्स ने भी इस वीडियो को भ्रामक करार दिया है। उन्होंने यूजर्स को सलाह दी है कि किसी भी वीडियो या तस्वीर को उसकी सच्चाई जांचे बिना साझा न करें।