जिस जॉर्डन के दौरे पर पीएम मोदी, उसके पास है पूरे मिडिल ईस्ट में सबसे अनोखी ताकत

Photo Source :

Posted On:Tuesday, December 16, 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान की बहु-राष्ट्रीय यात्रा, पश्चिम एशिया और अफ्रीका में रणनीतिक रिश्तों को मजबूत करने की भारत की महत्वाकांक्षी पहल का हिस्सा है। यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब वैश्विक भू-राजनीतिक माहौल व्यापार की खींचतान, ऊर्जा संकट, सुरक्षा चुनौतियों और रणनीतिक व आर्थिक अस्थिरता से घिरा हुआ है। सोमवार को जॉर्डन पहुंचने पर पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया।

जॉर्डन की राजधानी अम्मान में किंग अब्दुल्लाह II और प्रधानमंत्री जफर हसन से नरेंद्र मोदी की मुलाकात दुनिया भर में चर्चा का विषय बनी हुई है। इसका कारण यह है कि जॉर्डन, पूरे मिडिल ईस्ट में एक अनोखी और संतुलित ताकत रखता है।

अमेरिका-निर्भरता से परे, नए दोस्त

जॉर्डन के साथ भारत के मजबूत होते रिश्ते एक स्पष्ट संकेत देते हैं कि भारत, विश्व पटल पर अमेरिका पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है, और मध्य पूर्व में भी वह सऊदी अरब और ईरान जैसे पारंपरिक ध्रुवों से अलग जाकर दूसरी महत्वपूर्ण ताकतों के साथ संबंध मजबूत कर अपने राष्ट्रीय हितों को साध रहा है।

जॉर्डन की विदेश नीति उसे अन्य मध्य पूर्वी देशों से अलग करती है। जहां अधिकतर क्षेत्रीय देश अमेरिका, सऊदी अरब या ईरान के खेमे में नजर आते हैं, वहीं जॉर्डन ने अरब देशों के साथ-साथ इजराइल और पश्चिमी देशों के साथ भी स्थिर और अच्छे संबंध बनाए रखे हैं।

जॉर्डन: मिडिल ईस्ट की साइलेंट ताकत

जॉर्डन की रणनीतिक स्थिति और क्षेत्रीय शांति में इसका योगदान का एक लंबा इतिहास रहा है।

  • वंशानुगत शक्ति: किंग अब्दुल्लाह II का परिवार इस देश में लगभग 1400 सालों से शासन कर रहा है और माना जाता है कि उनके हशेमाइट परिवार के तार पैगंबर मोहम्मद के परिवार से जुड़ते हैं।

  • मध्यस्थता की भूमिका: हशेमाइट किंगडम ने अक्सर अरब संघर्षों (विशेषकर फिलिस्तीन-इजराइल) में मध्यस्थता की है और क्षेत्रीय सुरक्षा की वकालत की है। यह सब इसे मध्य पूर्व का एक केंद्रीय, विश्वसनीय देश बनाता है।

जॉर्डन, पश्चिम एशिया में एक महत्वपूर्ण जियोपॉलिटिकल हब की तरह है। इसकी सीमाएं इराक, सीरिया, इजराइल और फिलिस्तीनी क्षेत्रों से सटी हैं, जो इसे पूरे क्षेत्र के लिए बेहद महत्वपूर्ण बनाता है। भारत का यहां विस्तार अन्य अरब देशों में भी अपनी पकड़ मजबूत करने में मदद करेगा।

रिश्तों को मिली नई उड़ान: 8-पॉइंट विजन

पीएम नरेंद्र मोदी का यह दौरा ऐसे समय हुआ जब दोनों देश राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। इस दौरे में भारत और जॉर्डन ने भविष्य की दोस्ती का एक साझा विजन रखा, जिसमें संबंधों को और गहरा करने के लिए 8-पॉइंट का शेयर विजन शामिल है।

इस विजन में निम्नलिखित क्षेत्र शामिल हैं:

  • व्यापार और आर्थिक सहयोग

  • फर्टिलाइजर और खेती

  • इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी

  • स्वास्थ्य सेवा

  • बुनियादी ढांचा

  • क्रिटिकल ऐण्ड स्ट्रैटेजिक मिनरल्स

  • सिविल न्यूक्लियर कोऑपरेशन

  • लोगों के बीच संबंध

भारत पहले से ही जॉर्डन का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। 2023-24 में दोनों देशों का व्यापार $2.875 बिलियन (₹25,858 करोड़) का रहा था। भारत मुख्य रूप से इलेक्ट्रिकल प्रोडक्ट्स, अनाज, पेट्रोलियम और ऑटो पार्ट्स निर्यात करता है, जबकि जॉर्डन से उर्वरक, फॉस्फेट और फॉस्फोरिक एसिड का आयात करता है।

पीएम मोदी की यह यात्रा न केवल व्यापारिक संबंधों को गति देगी, बल्कि भारत को भू-राजनीति के अस्थिर क्षेत्र में एक विश्वसनीय और संतुलित भागीदार के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगी।


बलिया और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. balliavocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.