मुंबई, 02 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। रूस और यूक्रेन के बीच सोमवार को तुर्किये के इस्तांबुल में शांति वार्ता का दूसरा दौर महज एक घंटे में खत्म हो गया। यह बैठक ऐसे समय पर हुई जब कुछ घंटे पहले ही यूक्रेन ने रूस के साइबेरिया क्षेत्र में बड़े पैमाने पर ड्रोन हमले किए, जिनमें रूस को भारी नुकसान हुआ। इस सवाल पर जब रूसी प्रतिनिधिमंडल से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा कि इसके जवाब के लिए अगले दिन का इंतजार करें। ड्रोन हमलों के बाद रूस ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए यूक्रेन पर मिसाइल और ड्रोन हमलों की संख्या बढ़ा दी है। इस वार्ता में यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल सेना की वर्दी में पहुंचा, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है।
यूक्रेन की ओर से रक्षा मंत्री रुस्टेम उमेरोव और रूस की ओर से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीबी व्लादिमिर मेंडिस्की ने बैठक में हिस्सा लिया। हालांकि, बैठक की विस्तृत जानकारी अब तक सार्वजनिक नहीं की गई है। इससे पहले 16 मई को भी इस्तांबुल में दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल मिले थे, जहां दो घंटे तक चर्चा हुई थी और कुछ मुद्दों पर आंशिक सहमति बनी थी। 16 मई की बैठक में कैदी अदला-बदली पर सहमति बनी थी, जिसके तहत दोनों देशों ने एक-दूसरे के 1000-1000 कैदियों को रिहा किया था। वहीं, 30 दिन के सीजफायर के यूक्रेनी प्रस्ताव को रूस ने खारिज कर दिया था। रूस ने शर्त रखी थी कि यूक्रेन को दोनेत्स्क, लुहान्स्क, जपोरिझिया और खेरसॉन जैसे चार इलाकों से पूरी तरह पीछे हटना होगा, जिसे यूक्रेन ने नकार दिया था।
तुर्की के विदेश मंत्री हाकन फिदान ने उस समय कहा था कि दोनों देश दोबारा मिलने को तैयार हैं, लेकिन अगली बैठक की तारीख तय नहीं हो सकी थी। रूस ने यूक्रेन को एक शांति समझौते का मसौदा सौंपने की बात कही थी, हालांकि क्षेत्रीय नियंत्रण और सुरक्षा गारंटी जैसे मसलों पर कोई ठोस सहमति नहीं बन पाई थी। रूस क्रीमिया और कब्जे वाले इलाकों पर अपना नियंत्रण बनाए रखना चाहता है, जबकि यूक्रेन अपनी पूर्ण संप्रभुता से कोई समझौता नहीं करने के पक्ष में है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने 1 जून को पहली बार स्वीकार किया कि यूक्रेन ने देशभर में स्थित उसके पांच सैन्य एयरबेसों पर ड्रोन से हमला किया है। मंत्रालय के अनुसार, ये हमले मुरमान्स्क, इरकुत्स्क, इवानोवो, रयाजान और अमूर क्षेत्रों में किए गए, जिनमें से कई हमले विफल कर दिए गए थे। विशेष रूप से मुरमान्स्क के ओलेनोगोर्स्क एयरबेस और इरकुत्स्क के स्रेद्नी एयरबेस को ट्रेलर ट्रकों की मदद से पास के इलाकों से लॉन्च किए गए ड्रोन से निशाना बनाया गया। यह पहली बार है जब रूसी अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया कि कुछ हमले एयरबेस के बेहद करीब से ही किए गए थे। दोनों देशों के बीच बढ़ते हमलों और बातचीत में किसी ठोस नतीजे के ना निकलने से यह स्पष्ट होता है कि युद्धविराम और शांति की राह अभी लंबी और कठिन है।