मुंबई, 11 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। कर्नाटक के सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने सोमवार को कैबिनेट से अपना इस्तीफा सौंप दिया। यह फैसला कांग्रेस हाईकमान के निर्देश के बाद आया, जब उन्होंने वोटर लिस्ट में गड़बड़ी को लेकर अपनी ही पार्टी पर सवाल उठाए थे। दरअसल, कांग्रेस इन दिनों चुनाव आयोग पर मतदाता सूची में अनियमितताओं के आरोप लगा रही है और इसी मुद्दे पर दिल्ली में विपक्ष के करीब 300 सांसदों ने संसद से चुनाव आयोग के दफ्तर तक मार्च निकाला। राजन्ना ने रविवार को तुमकुरु में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि मतदाता सूची उस समय तैयार की गई थी, जब कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार थी। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर गड़बड़ियां हमारी आंखों के सामने हुईं और हमने तब आपत्ति नहीं जताई, तो अब शिकायत करने का औचित्य क्या है। उन्होंने दावा किया कि एक ही व्यक्ति का नाम तीन अलग-अलग जगह दर्ज था और कम आबादी वाले क्षेत्रों में संदिग्ध नाम जोड़े गए, लेकिन उस समय निगरानी नहीं की गई, जो पार्टी की नाकामी है।
हालांकि, इस्तीफे से पहले राजन्ना ने इस कदम से इनकार करते हुए कहा था कि वे मुख्यमंत्री से चर्चा करने के बाद ही कोई फैसला लेंगे और केवल कहने भर से इस्तीफा नहीं देंगे। इस बीच, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वे बिना सबूत चुनाव आयोग पर आरोप लगाकर राजनीतिक नाटक कर रहे हैं। इससे पहले 8 अप्रैल को राहुल गांधी ने बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में आयोजित कांग्रेस की ‘वोट अधिकार रैली’ में दावा किया था कि नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री 25 सीटों के मामूली अंतर से बने हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से 25 सीटें ऐसी हैं जिन्हें बीजेपी ने 35 हजार या उससे कम वोटों से जीता। राहुल का कहना था कि अगर उन्हें इलेक्ट्रॉनिक डेटा मिल जाए तो वे साबित कर देंगे कि मोदी चोरी करके प्रधानमंत्री बने हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से पिछले 10 वर्षों की वोटर लिस्ट और मतदान प्रक्रिया की वीडियोग्राफी उपलब्ध कराने की मांग करते हुए चेतावनी दी कि अगर यह नहीं दिया गया तो यह अपराध माना जाएगा।