मुंबई, 10 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। दिल्ली के द्वारका सेक्टर-13 स्थित शबद अपार्टमेंट की सातवीं मंजिल पर मंगलवार सुबह भीषण आग लग गई। आग लगने के समय फ्लैट के अंदर एक पिता अपने दो बच्चों के साथ मौजूद थे। जैसे ही उन्हें बचने का कोई रास्ता नहीं दिखा, पिता यश यादव और उनके दोनों 10 वर्षीय बच्चों ने बालकनी से छलांग लगा दी। तीनों को गंभीर अवस्था में अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
दिल्ली फायर सर्विस को सुबह 10:01 बजे इस हादसे की जानकारी दी गई, जिसके बाद तत्काल आठ फायर टेंडर मौके पर भेजे गए। दमकल कर्मियों ने तेजी से बचाव कार्य शुरू किया और आग पर काबू पाने की कोशिश की। फिलहाल आग लगने के कारण की जांच की जा रही है।
फायर डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने बताया कि इस हादसे में कुल पांच लोग घायल हुए थे, जिन्हें तत्काल पास के अस्पतालों में भेजा गया। इनमें से चार को आकाश अस्पताल और एक को इंदिरा गांधी अस्पताल में भर्ती किया गया था। आकाश अस्पताल में भर्ती दोनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि इंदिरा गांधी अस्पताल में भर्ती व्यक्ति की भी जान नहीं बचाई जा सकी। अभी दो लोगों का इलाज जारी है। बताया गया कि सभी घायलों को दिल्ली फायर सर्विस की टीम के पहुंचने से पहले ही अस्पताल भेज दिया गया था।
दिल्ली में हाल के दिनों में आग की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। फरवरी में नांगलोई इलाके में दो मंजिला मकान में आग लग गई थी, जिसमें छह लोगों ने सेकेंड फ्लोर से कूदकर अपनी जान बचाई थी। हालांकि, उन्हें चोटें आई थीं और सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस हादसे की वजह गैस लीक बताई गई थी। घटना का वीडियो भी सामने आया था, जिसमें लोगों को जान बचाने के लिए इमारत से छलांग लगाते देखा गया।
सिर्फ रिहायशी इलाके ही नहीं, बल्कि दिल्ली मेट्रो भी हाल ही में आग की चपेट में आ चुकी है। सोमवार को त्रिलोकपुरी-संजय लेक मेट्रो स्टेशन पर पिंक लाइन के एक तकनीकी रूम में धुआं भर गया था, जिसके कारण कुछ देर के लिए सेवाएं बाधित हुईं। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने बताया कि इस वजह से ट्रेनों की गति घटाकर 25 किलोमीटर प्रति घंटा कर दी गई थी, जबकि सामान्य गति 40 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। एक्स (X) पर दी गई जानकारी में DMRC ने स्पष्ट किया कि एहतियातन सेवा को एक छोटे हिस्से में सीमित किया गया।
दिल्ली में लगातार सामने आ रही आग की घटनाएं चिंता का विषय बनती जा रही हैं, जिससे लोगों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।