मुंबई, 08 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। बेंगलुरु भगदड़ कांड में रविवार को एक अहम जानकारी सामने आई है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, विक्ट्री परेड से पहले 4 जून को डीसीपी एमएन करिबासवना गौड़ा ने राज्य सरकार को एक पत्र लिखकर चेताया था कि अगर चिन्नास्वामी स्टेडियम में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु का कार्यक्रम होता है तो देशभर से लाखों प्रशंसक जुट सकते हैं। उन्होंने कहा था कि पुलिस बल की कमी के कारण भीड़ को संभाल पाना बेहद कठिन होगा। इस पत्र के सार्वजनिक होने के बाद सरकार पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं कि जब खतरे की आशंका पहले से ही थी, तब इतने बड़े आयोजन को मंजूरी क्यों दी गई। 4 जून को इसी आयोजन के दौरान चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे भगदड़ मच गई। इस दर्दनाक घटना में 11 लोगों की मौत हो गई जबकि 75 से ज्यादा लोग घायल हुए।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से कई सवाल पूछे हैं। कोर्ट ने पूछा है कि RCB को जश्न मनाने की इजाजत किसने दी, यह फैसला कब और किस आधार पर लिया गया और क्या आयोजकों ने सभी जरूरी अनुमतियां ली थीं। हाईकोर्ट ने सरकार से 10 जून तक इन सवालों का जवाब दाखिल करने को कहा है। यह सुनवाई कार्यवाहक चीफ जस्टिस वी कामेश्वर राव और जस्टिस सीएम जोशी की बेंच ने की। इस घटना के बाद पुलिस ने शुक्रवार को RCB और आयोजन से जुड़ी इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के चार अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया था। कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस हादसे की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव ए शंकर और कोषाध्यक्ष ई एस जयराम ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। दोनों ने संयुक्त बयान में कहा कि उनकी भूमिका सीमित थी, लेकिन इस अप्रत्याशित घटना से आहत होकर उन्होंने यह फैसला लिया।
भगदड़ में जान गंवाने वालों में एक नाम भौमिक लक्ष्मण का भी है, जो हसन जिले का रहने वाला था और इंजीनियरिंग का अंतिम वर्ष पढ़ रहा था। कर्नाटक भाजपा ने एक भावुक वीडियो शेयर किया, जिसमें भौमिक के पिता बीटी लक्ष्मण बेटे की कब्र से लिपटे हुए हैं और रोते हुए कह रहे हैं कि उन्होंने बेटे के लिए जो जमीन खरीदी, अब वहीं उसे दफनाया और अब वे भी यहीं रहना चाहते हैं। कर्नाटक सरकार ने मामले में KSCA, RCB और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी DNA एंटरटेनमेंट नेटवर्क के खिलाफ FIR दर्ज की थी। इसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारी के आदेश दिए गए। KSCA के अध्यक्ष रघुराम भट, सचिव ए शंकर और कोषाध्यक्ष ई एस जयराम ने हाईकोर्ट से अपने खिलाफ FIR रद्द करने की मांग की थी, जिस पर कोर्ट ने उन्हें 16 जून तक गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दे दी है। KSCA ने अपनी याचिका में तर्क दिया कि स्टेडियम के बाहर भीड़ को संभालने की जिम्मेदारी RCB और इवेंट कंपनी की थी। गिरफ्तार किए गए अधिकारियों में RCB के मार्केटिंग हेड भी शामिल हैं, जिन्हें अन्य तीन लोगों के साथ 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।