देश के पूर्वोत्तर राज्यों में इन दिनों भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। इस लगातार हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। खासकर सिक्किम, असम, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश में स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है। इस बारिश और भूस्खलन की मार से अब तक 30 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है।
सिक्किम में सेना के 3 जवानों की मौत, 6 लापता
सिक्किम में सबसे ज्यादा गंभीर हालात देखने को मिल रहे हैं। सोमवार को सिक्किम के छतेन के एक सैन्य शिविर के पास भारी भूस्खलन हुआ, जिसमें सेना के तीन जवानों की मौत हो गई। इसके साथ ही छह जवान लापता भी बताए जा रहे हैं। यह घटना मंगल जिले के लाचेन कस्बे के निकट रविवार शाम करीब 7 बजे हुई। इस घटना की जानकारी सेना के एक अधिकारी ने दी। उन्होंने बताया कि अभी तक तीन जवानों के शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि चार सैनिकों को सुरक्षित बचा लिया गया है। राहत और बचाव अभियान जारी है और सेना के जवान हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि लापता जवानों को भी सुरक्षित निकाला जा सके।
सिक्किम में फंसे एक हजार से अधिक पर्यटक
सिक्किम में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण एक हजार से अधिक पर्यटक भी फंसे हुए हैं। मौसम की अनिश्चितता और भूस्खलन की घटनाओं के चलते पर्यटकों के लिए रास्ते बंद हो गए हैं। सेना और स्थानीय प्रशासन इन पर्यटकों को सुरक्षित निकालने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं, लेकिन लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन राहत कार्यों में बड़ी बाधा बन रहे हैं। पर्यटकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता बनी हुई है।
असम और मिजोरम में भी भारी तबाही
पूर्वोत्तर के दूसरे राज्यों असम और मिजोरम में भी भारी बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति बनी हुई है। असम में कई जगहों पर लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है। अभी तक असम में बारिश और बाढ़ की वजह से लगभग 10 लोगों की मौत की खबर है। कई क्षेत्रों में सड़कें और मकान जलमग्न हो गए हैं, जिससे लोगों का जनजीवन प्रभावित हुआ है। वहीं, मिजोरम में मूसलाधार बारिश के कारण मिट्टी के बड़े-बड़े बहाव और चट्टानों के गिरने की घटनाएं हो रही हैं। सुरक्षा की दृष्टि से मिजोरम के सभी स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं ताकि बच्चों को किसी तरह का खतरा न हो।
अरुणाचल प्रदेश में आईएएफ की मदद से बचाव कार्य
अरुणाचल प्रदेश के निचली दिबांग घाटी में भी बाढ़ का कहर जारी है। बोमजीर नदी में फंसे हुए 14 लोगों को भारतीय वायु सेना (IAF) के Mi-17 हेलीकॉप्टर की मदद से सुरक्षित बाहर निकाला गया है। भयंकर बाढ़ के कारण फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए सेना और आपदा प्रबंधन दल लगातार काम कर रहे हैं। इस हेलीकॉप्टर ऑपरेशन से भारी राहत मिली है, क्योंकि इलाके की भौगोलिक स्थिति और खराब मौसम के कारण पहुंचना बेहद मुश्किल था।
सेना और प्रशासन का युद्धस्तर पर बचाव अभियान
पूर्वोत्तर के इन राज्यों में बारिश की वजह से बनी आपदा से निपटने के लिए सेना, एनडीआरएफ, राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन ने मिलकर युद्ध स्तर पर बचाव कार्य शुरू कर रखा है। प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को निकालने, सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने, राहत सामग्री उपलब्ध कराने और नुकसान का आकलन करने का कार्य जारी है। खासकर सैनिकों की जान बचाने और फंसे पर्यटकों को सुरक्षित निकालने में पूरा जोर लगाया गया है।
बाढ़ और भूस्खलन की चुनौती
पूर्वोत्तर क्षेत्र की यह भारी बारिश न केवल जनहानि का कारण बनी है, बल्कि सड़क संपर्क टूटने, बिजली-पानी की आपूर्ति बाधित होने, और आवागमन बंद होने जैसी समस्याएं भी पैदा कर रही है। इसके अलावा, कई गांव और कस्बे जलमग्न हो चुके हैं। इस क्षेत्र की जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियां इस तरह के आपदाओं के प्रति संवेदनशील हैं। मौसम विभाग ने भी भारी बारिश और भूस्खलन को लेकर सतर्कता बरतने की सलाह दी है।
इस प्रकार, पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश के कारण उत्पन्न आपदा की स्थिति बेहद चिंताजनक है। सभी प्रभावित राज्यों में राहत एवं बचाव कार्य तेजी से जारी है ताकि जनहानि को रोका जा सके और प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द पुनर्वास मिल सके। आने वाले दिनों में मौसम की स्थिति पर भी नजर रखी जा रही है ताकि किसी भी आपात स्थिति से पहले तैयारियां पूरी की जा सकें