जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई के तौर पर ऑपरेशन सिंदूर नामक सैन्य अभियान चलाया, जिसमें पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को लक्षित कर भारी नुकसान पहुंचाया गया। अब यह ऑपरेशन एक महीने का पूरा हो चुका है। इस दौरान भारत की सशस्त्र सेनाओं ने आतंकवाद और सीमापार से होने वाले खतरों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। हालांकि, पाकिस्तान की ओर से इस ऑपरेशन के प्रभाव को कम दिखाने और अपनी नाकामी छुपाने के लिए गलत और भ्रामक सूचनाओं का प्रचार किया जा रहा है।
पाकिस्तान ने एक बार फिर से विभिन्न माध्यमों से यह झूठ फैलाने की कोशिश की है कि उसने भारतीय सैन्य ठिकानों और लड़ाकू विमानों को नुकसान पहुंचाया है। खासकर पंजाब के आदमपुर एयरबेस पर खड़े सुखोई-30MKI लड़ाकू विमान को मार गिराने और गुजरात के भुज एयरफील्ड में सतह से हवा में मार करने वाली S-400 मिसाइल इकाई को नष्ट करने का दावा किया गया। इन दावों के समर्थन में पाकिस्तान ने सैटेलाइट से छेड़छाड़ की गई तस्वीरें, नकली दृश्य और गलत सूचनाएं फैलाईं, ताकि भारत के ऑपरेशन सिंदूर को कमजोर दिखाया जा सके।
पाकिस्तान के दावे और उनका खंडन
हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान ने दावा किया था कि आदमपुर एयर बेस पर उसके हमले में एक सुखोई-30 विमान को नुकसान पहुंचा है। लेकिन जब इस दावे की जांच की गई तो पता चला कि जिस तस्वीर को पाकिस्तान ने प्रमाण के रूप में दिखाया था, वह मार्च 2025 की है, यानी उस समय यह तस्वीर अभी खींची गई थी जब संघर्ष शुरू भी नहीं हुआ था। उस तस्वीर में एक मिग-29 लड़ाकू विमान का रखरखाव हो रहा था, और जो काले निशान दिखाई दे रहे थे वे इंजन के परीक्षण के दौरान लगे कालिख के कारण थे, न कि किसी हमले से हुए नुकसान के।
विशेषज्ञों ने खारिज किया पाकिस्तान का दावा
प्रमुख इमेजरी विशेषज्ञ डेमियन साइमन ने पाकिस्तान द्वारा प्रस्तुत तस्वीरों को पूरी तरह फर्जी बताया है। उन्होंने बताया कि कैसे चीन की सैटेलाइट फर्म से प्राप्त तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ की गई और युद्ध के मैदान में पाकिस्तान की सफलता को झूठा दिखाने के लिए नकली तस्वीरें बनाई गईं। इन नकली तस्वीरों के जरिए पाकिस्तान ने यह बताने की कोशिश की कि उसने भारत के सैन्य आधारों को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया है, जबकि सच इससे उलटा है।
भुज एयरबेस का नकली हमला
एक और दावा था कि गुजरात के भुज एयरबेस पर पाकिस्तान ने S-400 मिसाइल रडार सिस्टम को नष्ट कर दिया है। इसके प्रमाणस्वरूप जो तस्वीरें दिखाई गईं, उनमें काले धब्बे थे, जिन्हें आतंकवादी हमले का निशान बताया गया। जांच में पाया गया कि ये काले धब्बे तेल के निशान या वाहन रखरखाव क्षेत्र से रिसाव के कारण बने थे। यह तस्वीरें भी भारत-पाक तनाव से काफी पहले की हैं और इनमें किसी भी तरह का युद्ध या हमले का कोई सबूत नहीं मिला।
आदमपुर एयरबेस पर S-400 को नुकसान पहुंचाने का दावा भी फर्जी
पाकिस्तान ने यह भी दावा किया कि उसने आदमपुर एयरबेस पर S-400 मिसाइल बैटरी को निशाना बनाया है। परन्तु सैटेलाइट इमेज का विश्लेषण करने पर यह बात भी गलत साबित हुई। तस्वीरों में काले धब्बे लगाए गए थे ताकि मिसाइल के प्रभाव वाले गड्ढों की नकल की जा सके, लेकिन असली इमेजरी में उन स्थानों पर कोई भी क्षति या गड्ढे नहीं दिखे।
नलिया एयरबेस का ‘हमला’ भी झूठा
पाकिस्तान ने नलिया एयरबेस की एक तस्वीर जारी की जिसमें रनवे के आस-पास मिट्टी का काला रंग दिखाया गया, जिसे बमबारी का प्रमाण बताया गया। हालांकि, जांच में पता चला कि ये काले रंग बादलों की छाया थी, न कि किसी हमले का निशान। एयरबेस का बुनियादी ढांचा पूरी तरह सुरक्षित है।
श्रीनगर एयरपोर्ट की तस्वीरें भी भ्रामक
श्रीनगर एयरपोर्ट की धुंधली तस्वीरों का इस्तेमाल बमबारी का प्रमाण दिखाने के लिए किया गया, लेकिन अलग-अलग दिनांक की सैटेलाइट तस्वीरों का अध्ययन करने पर पता चला कि वहां किसी भी तरह का नुकसान नहीं हुआ है। जमीन पर कोई बदलाव या नुकसान देखने को नहीं मिला।
निष्कर्ष
यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान, ऑपरेशन सिंदूर में भारत की सैन्य सफलता को दबाने और अपनी स्थिति को बेहतर दिखाने के लिए झूठे दावे और नकली तस्वीरों का सहारा ले रहा है। भारत की सेना ने न केवल आतंकियों के ठिकानों को तबाह किया बल्कि यह भी साबित किया कि वह सीमापार से किसी भी चुनौती का पूरी ताकत से सामना करने को तैयार है।
ऑपरेशन सिंदूर के एक महीने पूरे होने पर भारत की सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं और किसी भी तरह की घुसपैठ या आतंकवादी गतिविधि को बेनकाब कर रही हैं। पाकिस्तानी दावों को विशेषज्ञों ने बेबुनियाद बताया है, जो भारत की सैन्य ताकत और रणनीतिक तैयारी का प्रमाण है।
इस ऑपरेशन ने यह भी साफ कर दिया है कि सच्चाई को छुपाने के लिए झूठ फैलाने वाले कभी सफल नहीं होते और देश की सुरक्षा के लिए सेना की मुस्तैदी ही सबसे बड़ी ताकत है। ऐसे दावों और अफवाहों से देशवासियों को सावधान रहना चाहिए और सेना के कार्यों पर भरोसा बनाए रखना चाहिए।
इस प्रकार, ऑपरेशन सिंदूर की सफलता से भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा पर किसी भी प्रकार का संकट नहीं आया है, और पाकिस्तान के झूठे दावों के पीछे की सच्चाई अब पूरी दुनिया के सामने है।