मध्य प्रदेश के इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या के मामले ने अब राष्ट्रीय सुर्खियों में जगह बना ली है। इस जघन्य हत्याकांड के मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी और राज कुशवाहा हैं, जबकि इनके साथ तीन और आरोपी — आकाश राजपूत, विशाल चौहान और आनंद कुर्मी — मेघालय पुलिस की हिरासत में हैं। सभी आरोपियों को 8 दिन की पुलिस रिमांड पर रखा गया है, जो आज यानी 12 जून से प्रारंभ हुई है। मेघालय पुलिस की SIT पांचों से गहन पूछताछ कर रही है, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं।
कबूलनामे में उभरा मास्टरमाइंड का खेल
पुलिस सूत्रों के अनुसार, सोनम और राज को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की गई है, जिसमें दोनों ने अपराध कबूल किया है। हालांकि दोनों एक-दूसरे को हत्या का मास्टरमाइंड बता रहे हैं। इस उलझन में पुलिस को दोनों की भूमिका का विश्लेषण करने में कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है। केस में एक नया नाम जितेंद्र रघुवंशी भी सामने आया है, जिसकी तलाश में पुलिस जुटी है।
गिरफ्तारी की टाइमलाइन
इस हाई-प्रोफाइल केस में पांचों आरोपियों को मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया। 9 जून को सोनम को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से पकड़ा गया। ट्रांजिट रिमांड के बाद, बुधवार को आरोपियों को मेघालय के शिलांग लाया गया, जहां मेडिकल जांच के बाद कोर्ट में पेश कर उन्हें 8 दिन की रिमांड पर भेज दिया गया।
गौरतलब है कि राजा और सोनम की शादी 11 मई को हुई थी और 21 मई को दोनों हनीमून के लिए शिलांग पहुंचे थे। 23 मई को राजा की हत्या करके शव को खाई में फेंक दिया गया। 2 जून को शव बरामद हुआ और 9 जून को सोनम की गिरफ्तारी के बाद मामले का खुलासा हुआ।
हवाला कारोबार से जुड़ा बड़ा खुलासा
जांच के दौरान सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ कि सोनम और राज हवाला कारोबार से जुड़े हुए थे। पूछताछ में सोनम ने बताया कि उसने अपनी मौसी के बेटे जितेंद्र रघुवंशी के नाम पर बैंक अकाउंट खुलवाए थे जिनमें से चार खातों में उसका मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड था और UPI ट्रांजैक्शन वह खुद करती थी। यहां तक कि राज के नाम पर बना पेटीएम अकाउंट भी सोनम खुद ही ऑपरेट करती थी।
हत्या का प्लान और क्राइम सीन रीक्रिएशन
शिलांग SP विवेक स्येम ने बताया कि तीनों कॉन्ट्रैक्ट किलर्स ने कबूल किया है कि वे सोनम और राजा के पीछे-पीछे गुवाहाटी पहुंचे और फिर शिलांग आए। 22 मई को हत्या का प्लान था, लेकिन बारिश के कारण इसे 23 मई को अंजाम दिया गया। आरोपियों ने राजा को सेल्फी के बहाने खाई में धक्का देकर मार डाला। पुलिस अब क्राइम सीन री-क्रिएट करने की योजना पर काम कर रही है।
डिजिटल सबूतों की खोज और मोबाइल गुमशुदगी
एक और महत्वपूर्ण कड़ी है मोबाइल फोन की गुमशुदगी। सोनम ने हत्या के बाद अपने दोनों और राजा के एक फोन को ठिकाने लगा दिया। पुलिस को शक है कि हत्या से पहले सोनम ने इंटरनेट पर जगह की सर्चिंग की थी। यह पुष्टि करता है कि हत्या की योजना काफी पहले से बनाई जा रही थी।
हत्या के बाद की फरारी और बैग की बरामदगी
हत्या के बाद चारों आरोपी चेरापूंजी इलाके में स्कूटी से पहुंचे, जहां आपस में बातचीत के बाद सोनम गुवाहाटी पहुंची और ट्रेन से इंदौर भाग गई। वह जिस टैक्सी से गुवाहाटी रेलवे स्टेशन गई थी, उसकी तलाश अब पुलिस कर रही है। सोनम का सूटकेस उसी होटल से बरामद हुआ है, जिसमें उसका मंगलसूत्र और अंगूठी मिली है, जो उसने हत्या से पहले उतारकर रख दिए थे।
आगे की दिशा: जितेंद्र रघुवंशी की तलाश
अब पूरा केस एक नए मोड़ पर है, जहां जितेंद्र रघुवंशी की भूमिका की गहराई से जांच की जा रही है। उसका हवाला लेन-देन में अहम योगदान रहा है और वह सोनम के सबसे करीबी लोगों में था। पुलिस अब जितेंद्र की गिरफ्तारी के लिए ताबड़तोड़ दबिश दे रही है।
निष्कर्ष
राजा रघुवंशी मर्डर केस में सामने आई हवाला कनेक्शन, पूर्व नियोजित हत्या, डिजिटल प्लानिंग और अपराध के बाद सुनियोजित फरारी की घटनाएं भारतीय कानून व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी हैं। पुलिस की जांच अब निर्णायक मोड़ पर है, और आने वाले दिनों में और भी चौंकाने वाले राज सामने आ सकते हैं।