देश में एक बार फिर कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। पहले जहां मुंबई और महाराष्ट्र को कोरोना का हॉटस्पॉट माना जा रहा था, वहीं अब केरल इस सूची में सबसे ऊपर आ गया है। केरल में कोरोना के सबसे ज्यादा सक्रिय मामले सामने आ रहे हैं। इसके साथ ही तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, दिल्ली और अन्य राज्यों में भी कोविड के केसों में इजाफा देखने को मिल रहा है। इस बार केवल केस बढ़ना ही चिंता की बात नहीं है, बल्कि नए वेरिएंट्स NB.1.8.1 और LF.7 ने भी स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा दी है।
केरल में सबसे ज्यादा एक्टिव केस
कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा एक्टिव केस इस समय केरल में हैं। यहां 273 एक्टिव मामले दर्ज किए गए हैं, जो देश के किसी भी अन्य राज्य से अधिक हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, भीड़भाड़ और पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी, संक्रमण की रफ्तार को बढ़ावा दे रही है। स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में निगरानी बढ़ा दी है और कोविड-19 से जुड़ी सभी आवश्यक सुविधाओं को फिर से सक्रिय किया जा रहा है।
तमिलनाडु और कर्नाटक की स्थिति
केरल के बाद दक्षिण भारत के अन्य राज्यों में भी कोरोना तेजी से फैल रहा है। तमिलनाडु में केसों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। वहीं, कर्नाटक में शनिवार को 5 नए केस सामने आए हैं। बेंगलुरु में 84 वर्षीय बुजुर्ग मरीज की मौत भी कोरोना संक्रमण से हो गई है, जिसके बाद प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है। राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 38 हो चुकी है।
महाराष्ट्र में भी बढ़े मामले
महाराष्ट्र, जो पहले देश का प्रमुख कोरोना हॉटस्पॉट रहा है, वहां भी मामलों में इजाफा हुआ है। शनिवार को 47 और रविवार को 45 नए केस दर्ज किए गए, जिससे राज्य में कुल एक्टिव केसों की संख्या 209 तक पहुंच गई है। ठाणे में 21 वर्षीय युवक की मौत कोरोना से हो चुकी है। हालांकि राहत की बात यह है कि अधिकांश मरीज घर पर ही इलाज करवा रहे हैं और अस्पतालों पर अधिक दबाव नहीं है।
दिल्ली में नए वेरिएंट की दस्तक
राजधानी दिल्ली में कोरोना केस कम हैं लेकिन यहां पर NB.1.8.1 और LF.7 जैसे नए वेरिएंट्स की पुष्टि हुई है। ये वेरिएंट पहली बार दिल्ली में ही पाए गए हैं। गुरुवार को 23 नए मामले सामने आए, जिसके बाद सरकार ने स्वास्थ्य सलाह (Health Advisory) जारी की है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने लोगों से घबराने के बजाय सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह वेरिएंट अभी तक कॉमन फ्लू की तरह हल्का ही नजर आ रहा है।
गुजरात, हरियाणा और एनसीआर की स्थिति
गुजरात में पिछले कुछ दिनों में नए मामले नहीं मिले हैं, लेकिन राज्य में 33 एक्टिव केस अब भी मौजूद हैं, जो अहमदाबाद, राजकोट और आसपास के ग्रामीण इलाकों में पाए गए हैं। कुछ मरीजों की ट्रैवल हिस्ट्री भी सामने आई है, जिससे संक्रमण की चेन की पहचान की जा रही है।
हरियाणा के गुरुग्राम में 5 एक्टिव केस हैं, जिनमें दो मरीज मुंबई से घूमकर लौटे थे। एक महिला और एक बुजुर्ग व्यक्ति भी संक्रमित पाए गए हैं। फरीदाबाद में भी एक युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
एनसीआर क्षेत्र के गाजियाबाद और नोएडा में भी कोरोना के मामले दर्ज किए गए हैं। गाजियाबाद में 4 केस हैं, जिनमें 2 महिलाएं और एक बुजुर्ग दंपत्ति शामिल हैं। नोएडा में 55 वर्षीय महिला पॉजिटिव मिली है।
नए वेरिएंट्स से बढ़ी चिंता
इस बार सबसे बड़ी चिंता का कारण नए वेरिएंट्स हैं। अब तक भारत में JN.1 वेरिएंट प्रमुख रूप से पाया जा रहा था, लेकिन NB.1.8.1 और LF.7 वेरिएंट की मौजूदगी ने नई चुनौती खड़ी कर दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन वेरिएंट्स की ट्रांसमिशन क्षमता अधिक हो सकती है, हालांकि इनके गंभीर लक्षण अब तक सामने नहीं आए हैं।
सावधानी ही सुरक्षा
स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्य सरकारें लगातार लोगों से अपील कर रही हैं कि वे मास्क पहनें, भीड़भाड़ से बचें और हाथों की सफाई का ध्यान रखें। जिन लोगों को खांसी, बुखार या गले में खराश जैसे लक्षण हों, वे खुद को आइसोलेट करें और आवश्यक परीक्षण करवाएं।
निष्कर्ष
देश में एक बार फिर कोरोना की वापसी हो रही है, लेकिन इस बार चुनौतियां अलग हैं। नए वेरिएंट्स के चलते संक्रमण की रफ्तार बढ़ सकती है, पर अभी तक की स्थिति नियंत्रण में है। अगर लोग सतर्कता बरतें और स्वास्थ्य निर्देशों का पालन करें तो इस लहर को भी जल्द काबू में लाया जा सकता है।