फेमस फिल्म फ्रैंचाइजी जैसे क्या कूल है हम और गोलमाल में काम कर चुके तुषार कपूर ने इंडियन सिनेमा में बढ़ रहे सीक्वल, रिमेक और फ्रैंचाइजीकी ट्रेंड पर अपनी राय दी। आजकल फिल्मों में सीक्वल और रिमेक बहुत बन रहे हैं, लेकिन दर्शक अब नई और ओरिजिनल कहानियां भी चाहते हैं।इस बारे में पूछने पर तुषार ने संतुलित जवाब दिया।
तुषार ने कहा, “मुझे ये ट्रेंड ज्यादा मायने नहीं रखता कि हमें इन्हें फॉलो करना चाहिए या तोड़ना चाहिए। सबसे बड़ा मकसद अच्छी फिल्म करना होनाचाहिए। सीक्वल तभी बननी चाहिए जब दर्शकों को उससे प्यार हो और उनकी मांग हो। लोग फ्रैंचाइजी पसंद करते हैं और उसे आगे बढ़ाना बिजनेसकी नजर से सही होता है क्योंकि ये प्रोड्यूसर के लिए फायदे का सौदा है। लेकिन फ्रैंचाइजी और सीक्वल के साथ-साथ ओरिजिनल आइडियाज में भीनिवेश होना चाहिए। दोनों का संतुलन होना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा, “पहली बार बनने वाली फिल्मों पर भी समय देना चाहिए, सिर्फ सीक्वल बनाने में नहीं। सीरियल की तरह पार्ट 1, 2, 3 में भी नईकहानी होती है, कुछ नया पेश किया जाता है। सीक्वल होना आसान नहीं होता। चाहे रिमेक हो या सीक्वल, उसमें इंस्पिरेशन होती है, फिल्म कीअपनी आत्मा होती है। आपको कुछ नया बनाना होता है, सिर्फ पहले जैसा ही नहीं करना होता। फिल्म बनाने का काम आसान नहीं होता, चाहे रिमेकहो, सीक्वल हो या ओरिजिनल। दर्शकों को सिनेमा हॉल तक लाना बहुत मुश्किल काम है।”
तुषार कपूर की बातों से साफ होता है कि वे चाहते हैं कि इंडियन सिनेमा में कमर्शियल और क्रिएटिव दोनों चीजों का मेल बने। उनके लिए सबसेजरूरी है कि वे ऐसी फिल्मों का हिस्सा बनें जो दर्शकों को पसंद आएं और अच्छी कहानी बताएं।